12वी के बाद यह करे और बनाये अपने करियर को सुनहरा।

डॉक्टरों से ज्यादा महत्वपूर्ण होते हैं पैरामेडिकल स्टाफ:
पैरामेडिकल स्टाफ की अगर बात करें, तो जिस तरह से एक मां अपने बच्चों की देखभाल करती है, ठीक उसी तरह से एक नर्स भी काम करती हैं. फर्क बस इतना है, कि इन्हें मां की जगह सिस्टर का नाम दिया जाता ह। लेकिन आज नर्सें जीवनदायिनी की भूमिका निभा रही है. ये नर्सें मरीज के शारीरिक कष्ट को तो समझती है ही, साथ ही इन्हें मानसिक रूप से भी बीमारी से लड़ने की शक्ति देती हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक किसी भी मरीज के ठीक होने में डॉक्टर की भूमिका सिर्फ 40 प्रतिशत होती है, जबकि नर्सों का योगदान किसी भी मरीज को ठीक करने में 60 फीसदी होती है, जो कि डॉक्टर से कई ज्यादा है।

2018 तक भारत में 10 लाख से ज्यादा स्टाफ की मांग:
आज के समय में हेल्थकेयर सेंटरों का जिस तरह से विकास हो रहा है, उसके मुताबिक एक रिपोर्ट में कहा गया है, कि सिर्फ भारत में साल 2018 तक करीब 10 लाख पैरामेडिकल स्टाफ की जरूरत पड़ने वाली है. मतलब कि इस क्षेत्र में आने वाले समय में असीम संभावनाएं है. जहां पैरामेडिकल स्टाफ बनने का सपना देख रहे युवा और युवतियों के लिए अपना करियर बनाने की अच्छा अवसर है।

विदेशों में भारतीय पैरामेडिकल स्टाफ की मांग हुई दोगुनी:
जिस तरह से हेल्थ सेक्टर का नेटवर्क तेजी से बढ़ता जा रहा है, उसके कारण ना सिर्फ भारत में बल्कि पूरे विश्व में पैरामेडिकल स्टाफों की मांग लगातार बढ़ रही है. अकेले भारत में ही एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अगले साल तक भारत में करीब 10 लाख से भी ज्यादा पैरामेडिकल स्टाफ की जरूरत है। वहीं अगर विदेशों की बात करें तो एक आंकड़े के मुताबिक पूरे विश्व में सिर्फ भारत के ही करीब 23 प्रतिशत पैरामेडिकल स्टाफ हैं. वहीं आकड़ों पर अगर गौर करें तो आने वाले समय में ये आंकड़ा दोगुना होने वाला है. यानि कि 2019 तक पूरे विश्व में सिर्फ भारत के पैरामेडिकल स्टाफों की मांग 40 फीसदी से ज्यादा बढ़ने की संभावना है। यूरोपीय देश हो या फिर ऑस्ट्रेलिया, यहां भारतीय पैरामेडिकल स्टाफों की सबसे ज्यादा मांग है. सिर्फ ब्रिटेन नेशनल हेल्थ सर्विस ही हर वर्ष एक हजार से ज्यादा सिर्फ भारतीय पैरामेडिकल स्टाफ को भर्ती करता है।

12वीं और ग्रेजुएशन पास भी कर सकते हैं पैरामेडिकल कोर्स:
अगर आप इस क्षेत्र में अपना भविष्य बनाना चाहते हैं, तो आप 10वीं या फिर 12वीं या ग्रेजुएशन के बाद बी आप इस सेक्टर के कई कोर्स करके आप अपना करियर बना सकते हैं। अगर इसमें वेतन की बात करें तो इस क्षेत्र में काम करने वाले युवा या युवतियों को शुरुआती दौर में ही 15 हजार तक मिलते हैं. वहीं अगर आप सरकारी अस्पतालों में काम करते हैं, तो आप की मासिक सैलरी 35000 रुपये तक होती है. वहीं अगर आप विदेशों में काम करने जाते हैं तो आपको भारतीय करेंसी के हिसाब में करीब 1 लाख 25 हजार रुपये तक की अच्छी खासी मोटी सैलरी मिलती है. वहीं जैसे-जैसे आपका अनुभव बढेगा आपकी सैलरी में भी बढ़ोतरी होती जाएगी।

सुनहरे भविष्य के लिए सही मार्गदर्शन जरूरी:
पैरामेडिकल के क्षेत्र में डिप्लोमा, अंडर ग्रेजुएट और सर्टिफिकेट कई तरह के कोर्स होते हैं. अक्सर युवाओं को 10वीं या 12वीं पास होने के बाद आगे क्या करना है, इसे लेकर चिंता सताने लगती है. सही मार्गदर्शन होने के कारण कई युवा सही दिशा में आगे बढ़ जाते हैं. लेकिन आज भी लाखों की संख्या में ऐसे छात्र होते हैं, जिन्हें सही मार्गदर्शक नहीं मिलने के कारण ऐसे क्षेत्र में अपना भविष्य बनाने निकल पड़ते हैं. जहां ना तो वो काम करने के इच्छुक होते हैं, ना ही वहां उनका भविष्य बन पाता है, जिसके कारण पूरी जिंदगी संघर्ष में ही बीत जाती है। ऐसे युवाओं के लिए सबसे पहले तो ये निश्चय करना होता है कि उन्हें करना क्या होता है. अगर वो मेडिकल के क्षेत्र में अपना भविष्य बनाना चाहते हैं, तो आपके लिए एक सुनहरा अवसर है।

डी.पी.ऍम.आई. तैयार कर रहा बेस्ट पैरामेडिकल प्रोफेशनल्स:
वैसे तो देश में कई पैरामेडिकल इंस्टीट्यूट और कॉलेज हैं. जहां आप एडमिशन ले सकते हैं. लेकिन इसमें भी एक सबसे बड़ी समस्या होती है पैसों की. कई बार छात्र इस क्षेत्र में काम करने के इच्छुक तो होते हैं, लेकिन आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण अपना मन मारकर अपने पैर पीछे कर लेते हैं. ऐसे युवाओं को मायूस होने जरूरत बिल्कुल नहीं है और ना ही आपको अपने राज्य को छोड़कर किसी और राज्य में अपनों से दूर जाने की जरूरत है. आप अपने ही राज्य में रहकर पैरामेडिकल की तैयारी कर सकते हैं. वो भी वेहद की कम फीस पर। डीपीएमआई यानि दिल्ली पैरामेडिकल एंड मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट, एक ऐसा नाम है जो कि आज के समय में पैरामेडिकल के क्षेत्र में अपनी एक पहचान बना चुका है। पिछले 21 सालों से ज्यादा समय से ये इंस्टीट्यूट पैरामेडिकल के क्षेत्र में उच्च कोटी की शिक्षा दे रहा है. यहां से अलग-अलग तरह के पैरामेडिकल के कोर्सेज को करके आप भी देश या फिर विदेशों में प्रतिष्ठित अस्पतालों में नामी गिरामी डॉक्टर्स के साथ काम करके अपना भविष्य उज्जवल बना सकते हैं।
